चित्रों में अपनी अभिव्यक्ति जाहिर करना कठिन कार्य- प्रो. ए.के. त्यागी
Manish singh
काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग में तीन दिवसीय वार्षिक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन
वाराणसी। ललित कला विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक कला प्रदर्शनी “दृश्यानुभूति” का गुरुवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने उद्घाटन किया। विभाग के सभागार में लगी कला प्रदर्शनी में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. त्यागी ने कहा कि चित्रों में अपनी अभिव्यक्ति को जाहिर करना बड़ा कठिन कार्य होता है। चित्रों में लाइन,फॉर्म एवं रंगों से बैलेंस कर आकार देना काबिले तारीफ है।
उन्होंने विश्वविद्यालय में परीक्षाओं के लगभग खत्म होने पर कला प्रदर्शनी लगाने की सराहना की। प्रदर्शनी अवलोकन के दौरान छात्र-छात्राओं से चित्र बनाने की तकनीक पक्ष की बारिकी से जानकारी ली। साथ ही अच्छी कृतियों को देखकर छात्र-छात्राओं की प्रशंसा करते हुए शुभकामना दी। विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सुनीता पाण्डेय ने कहा कि इस तरह का आयोजन हर वर्ष होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगे इस तरह के चित्रों को इंटरनेशनल स्तर पर प्लेटफार्म देने के लिए प्रयास किया जाएगा।
कला प्रदर्शनी में बुद्ध के तीन स्वरूप को साधना में लीन,भगवान विष्णु, वाराणसी के घाट, कृष्ण के बंसी में राधा लिन, मिथिला पेंटिंग, राम हनुमान मिलन, वाराणसी में शिव और नदी, लैंडस्केप, ड्राइंग, मूर्ति कला स्टूडियो में कार्य करते छात्राएं, बुजुर्गों का सुबह की गपशप, मिनिएचर पेंटिंग में राधा कृष्ण, रिक्शा पर आराम फरमाते रिक्शावान, साधु, घर में इंतजार कार्टर स्त्री, शिव आराधना आदि विषयों पर छात्र-छात्राओं ने लाइन, आकर एवं रंगों के जादू से अभिव्यक्ति को साकार करने का प्रयास किया है।
इस दौरान विभाग द्वारा संचालित पीजी डिप्लोमा इन फैशन डिजाइनिंग पाठ्यक्रम के अंतर्गत छात्राओं द्वारा बनाए गए ड्रेस डिजाइन का भी प्रदर्शन किया गया है। प्रदर्शनी में 150 कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया है। इस अवसर पर प्रो. अमिता सिंह, प्रो. पीताम्बर दास, डॉ. कविता आर्या, डॉ. शत्रुघ्न प्रसाद, डॉ. रामराज, डॉ. स्नेह लता कुशवाहा, शालिनी कश्यप, किशन गुप्ता, नेहा सिंह, दिव्यानी राय, प्रवीन प्रकाश हिमांशु आदि उपस्थित रहे।