करगिल युद्ध: मास्टरमाइंड – पूर्व जनरल मुशर्रफ की साजिश
करगिल युद्ध और पूर्व जनरल मुशर्रफ की भूमिका
करगिल युद्ध एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसमें पाकिस्तानी सैनिकों ने कारगिल की ऊँची चोटियों पर कब्जा करने का प्रयास किया था। इस युद्ध के दौरान, पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और जनरल परवेज मुशर्रफ को इस साजिश का मास्टरमाइंड कहा जाता है। वे इस युद्ध के मुख्य रणनीतिकारी थे और उन्होंने करगिल जिले में गुप्त घुसपैठ का आदेश दिया था।
करगिल विजय दिवस: वीरों को समर्पित
आज करगिल विजय दिवस है, जिसमें देश के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है। इन वीरों ने पाकिस्तानी सैनिकों के कब्जे से कारगिल को आजाद कराया था। इस महान युद्ध में लगभग 2 लाख भारतीय सैनिकों ने हिस्सा लिया था और देश के 527 जवान शहीद हो गए थे। यह दिवस उन वीरों को समर्पित है जिन्होंने अपने देश के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था।
परवेज मुशर्रफ की जिम्मेदारी
करगिल युद्ध में पूर्व जनरल परवेज मुशर्रफ को साजिश रचने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। वे पाकिस्तानी सेना के मास्टरमाइंड थे और इस युद्ध के लिए मुख्य रणनीतिकारी तौर पर विख्यात थे। परवेज मुशर्रफ ने करगिल जिले में गुप्त घुसपैठ का आदेश दिया था।
नवाज शरीफ की दावा
पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का दावा था कि उन्हें करगिल युद्ध की योजना के बारे में जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा था कि युद्ध को उनकी जानकारी के बिना चलाया गया था। इसके अलावा, साल 2018 में उन्होंने खुलासा किया था कि परवेज मुशर्रफ ने उन्हें अपनी योजनाओं की जानकारी नहीं दी थी और उन्हें अंधेरे में रख दिया था।
परवेज मुशर्रफ की खुद की कहानी
हालांकि, परवेज मुशर्रफ ने खुद की खुद की जीवनी ‘इन द लाइन ऑफ फायर – अ मेमॉयर’ में लिखा है कि उन्होंने करगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी। लेकिन नवाज शरीफ की वजह से उनका सपना अधूरा रह गया।
अहम भूमिका निभाने वाले
परवेज मुशर्रफ के साथ ही, इस युद्ध में लेफ्टिनेंट जनरल अजीज खान, लेफ्टिनेंट जनरल महमूद अहमद और मेजर जनरल जावेद हसन भी अहम भूमिका निभाई थी। उनके साहसपूर्ण योगदान ने भारतीय सेना को इस युद्ध में सफलता हासिल करने