गुरु पूर्णिमा का पर्व अ ज्ञान से ज्ञान की तरफ ले जाने का है बाबा संभव राम जी

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वाराणसी।अघोर पीठ, श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम’, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम,
पड़ाव, वाराणसी के पुनीत प्रांगण में गुरुपूर्णिमा महोत्सव एवं श्री सर्वेश्वरी समूह का ‘अखिल भारतीय
६३ वाँ वार्षिक अधिवेशन’ दिनांक २० से २२ जुलाई २०२४ तक ससमारोह सम्पन्न हो रहा है। आयोजित होने वाले कार्यक्रम से पूर्व गुरु संभव राम जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरु पूर्णिमा का पर्व आज्ञान से हटकर ज्ञान की तरफ ले जाने का पर्व है। गुरु अपने समाज राष्ट्र के लिए प्रार्थना ही कर सकता है कि लोगों को सद्बुद्धि आए और लोग अच्छे कार्य करें जिससे कि राष्ट्र का भला हो। उन्होंने कहा कि प्रकृति से प्रेम करना चाहिए और पेड़ों को काटने सेबचना चाहिए। वर्तमान भौगोलिक परिस्थितियों इस प्रकार हो गई हैं कि हमको प्रकृति के गरीबी जाना ही होगा। इसके पूर्व संस्थान के सचिव अरविंद कुमार सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि एक लाख व्यक्तियों की कुष्ठ चिकित्सा की गई जिसमें पंजीकृत रोगियों की संख्या 81,490 थी। संस्था के अधिकांश चिकित्सा शिविरों में रक्त शर्करा, हीमोग्लोबिन, यूरिक एसिड, लिपिड प्रोफाइल इत्यादि के निःशुल्क जॉन की भी व्यवस्था थी। गंगा तट स्थित ‘अघोरेश्वर भगवान राम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र’ में सुद्र प्रान्तों से भी आये रोगियों के जटिल व्याधियों का निदान व उपचार किया जा रहा है।
विकास के नाम पर बनों की अंधाधुंध कटाई व खनन इत्यादि से उत्पन्न पर्यावरणीय संकट में विलुप्त हो रहे पक्षियों हेतु ‘पंक्षी को दाना, पंक्षी को पानी अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत सर्वेश्वरी सैनिक गांवों व नगरों में पक्षियों के दाना-पानी के लिए मिट्टी के पात्र बाँट रहे हैं। वृक्षारोपण अभियान के तहत 20745 से अधिक पौधे लगाये गए।

सर्दी में संस्था द्वारा आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों में 8000 से अधिक कम्बल व रजाई तथा हजारों बच्चों, माताओं व अन्य असहाय लोगों को स्वेटर, टोपी, मोजा, साड़ी, धोती इत्यादि वितरित किया गया एवं जगह-जगह अलाव की भी व्यवस्था की गई। इसी प्रकार प्रचंड गर्मी में चिकित्सालयों में ताड़ के पंखे तथा राहगीरों हेतु स्थान-स्थान पर नियत प्याऊ तथा बस स्टैंड व चिकित्सालयों इत्यादि पर सचल प्याऊ के द्वारा शीतल जल व शरबत पिलाया गया। सदर अस्पताल, अनाथालय, वृद्धाश्रम तथा कुष्ठी कॉलोनियों में फल, ब्रेड, बिस्कुट इत्यादि प्रदान किया गया। हजारों मंदिर, मस्जिद, गिरजा व गुरुद्वारों में झाडू, अगरबत्ती व माचिस इत्यादि के वितरण से तमाम धर्माचार्यों ने संस्था के ‘सर्वधर्म समन्वय’ व ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के उद्देश्य को सराहा। राष्ट्रीयता व सदाचारयुक्त जीवन की प्रेरणा हेतु अघोर-साहित्य का वितरण कर व्यापक स्तर पर जन- जागरण किया गया। गांवों में अमन-चैन हेतु उपेक्षित मंदिरों की साफ-सफाई व पूजन कर इसकी अनिवार्यता बताई गई। नशामुक्त समाज तथा उच्च चारित्रिक विकास हेतु स्कूलों व कालेजों में निबंध प्रतियोगितायें आयोजित कर बच्चों को पुरष्कृत कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। मूक-बधिर, मंद-बुद्धि तथा दृष्टिहीन बच्चों
को उनके विद्यालयों में जाकर उनके शारीरिक व मानसिक विकास हेतु आवश्यक सामग्रियाँ प्रदान की गयीं। अवधूत भगवान राम नर्सरी विद्यालय में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को ‘सर्वेश्वरी स्वर्ण पदक’ व सम्बंधित कक्षा के वार्षिक शिक्षण शुल्क का क्रमशः शत प्रतिशत, साठ व चालीस प्रतिशत राशि के बराबर का चेक प्रदान किया गया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में दर्शन-शास्त्र में स्रातक स्तर पर ‘अघोराचार्य बाबा कीनाराम स्वर्ण पदक’ और ‘बाबा राजेश्वर राम स्वर्ण पदक’ तथा नातकोत्तर स्तर पर ‘अघोरेश्वर भगवान राम स्वर्ण पदक’ और ‘बाबा गुरुपद संभव राम स्वर्ण पदक’ प्रदान किया गया। भारत के प्राचीन पारंपरिक खेलों के संरक्षण व संवर्धन के उद्देश्य से भारतीय कुश्ती संघ के तत्त्वावधान में 2024 फेडरेशन कप (सीनियर) तीन दिवसीय का आयोजन श्री सर्वेश्वरी समूह ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में कराया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन श्री सर्वेश्वरी समूह के अध्यक्ष पूज्यपाद बाबा औघड़ गुरुपद संभव राम जी ने किया।
सर्वेश्वरी सैनिकों के रक्तदान से प्रभावित होकर कुछ अस्पतालों ने मेडल प्रदान कर संस्था को सम्मानित
भी किया है।

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