*शासन की योजनाओं का लाभ विभागीय अधिकारी किसानों को प्राथमिकता पर उपलब्ध कराये-सीडीओ*
*किसान दिवस कार्यक्रम का हुआ आयोजन*
वाराणसी। मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की अध्यक्षता में बुधवार को विकास भवन सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया गया। जिसमे कृषि विभाग के साथ-साथ सिंचाई, लघु सिंचाई, सहकारिता, मत्स्य, उद्यान, नलकूप, पशुपालन, दुग्ध विकास अधिकारी एवं जनपद के कृषकों द्वारा सहभागिता किया गया। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा शासन की योजनाओं का लाभ किसानों को प्राथमिकता पर उपलब्ध कराए जाने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
किसान दिवस कार्यक्रम में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों द्वारा अपने विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी देते हेतु अधिक से अधिक कृषकों को योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया गया। दुग्ध विकास अधिकारी वाराणसी द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन एवं मुख्यमंत्री प्रगतिशाील पशुपालक प्रोत्साहन योजनान्तर्गत प्रगतिशील पशुपालको को उन्नत नश्ल की स्वदेशी गायों पर प्रोत्साहन दी जा रही है। साथ ही नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत प्रारम्भिक दुग्ध सहकारी समिति का गठन किया जाएगा। प्रगतिशील पशुपालकों को उन्नत नश्ल की स्वदशी गायो यथा-गिर, थारपारकर, हरियाणा, गंगातीरी गाय हेतु प्रतिदिन 08 से 12 क्रि0ग्रा0 तक दूध देने वाली पर रू0 10000 एवं 12 कि0ग्रा से अधिक दूध देने वाली पर रू0 15000 निर्धारित किया गया है। साथ ही गौशालाओं से एक गाय लिए जाने पर उसे प्रति दिन रू0 50 की दर से भरण पोषण हेतु भत्ता दिया जाता है एक व्यक्ति अधिकतम 5 गाय गौशालाओं से प्राप्त कर सकता है। सहकारिता विभाग द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में डी0ए0पी0 एवं यूरिया समस्त गोदामों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जिसका वितरण पी0ओ0एस मशीन के माध्यम से किया जा रहा है। उद्यान विभाग द्वारा बताया गया कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनान्तर्गत टिश्यू कल्चर केला, नवीन पपीता, नवीन आम, ड्रैगन फूट, करौंदा, जामुन, बेल, कटहल, फालसा, संकर शाकभाजी, खरीफ एवं रबी में प्याज की खेती एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत ड्रिप सिंचाई, माइक्रो/मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई, पोर्टेबल स्पिं्रकलर/रेनगन पद्धति की स्थापना हेतु निर्धारित अनुदान पर देय है, इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री सूक्ष्य खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अन्तर्गत कृषि आधारित सूक्ष्म उद्योगों यथा-डेयरी, आटा मिल चावल मिल, गन्ना मिल, तेल कोल्हू, कुकरी बेकस, खाद्य प्रसंस्करण, मिर्च आधारित उद्योग आदि का विस्तार तथा नई इकाई की स्थापना पर 10 प्रतिशत कृषक अंश तथा 55 प्रतिशत बैंक लोन तथा 35 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था है उपरोक्त योजनाओं का लाभ ’’प्रथम आवक प्रथम पावक’’ के सिंद्धान्त पर देय है। साथ ही बताया गया कि जनपद में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी में दो हाईटेक नर्सरी स्थापित किया गया है जिसमें कृषक द्वारा नर्सरी को बीज उपलब्ध कराया जाता है, तो नर्सरी में पौधे तैयार कर एक रू0 की दर से सम्बन्धित कृषक को दिया जाता है तथा नर्सरी द्वारा पौधे तैयार कर दो रू0 की दर से कृषकों को दिया जाता है। मस्त्य विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत मत्स्य उत्पादन/उत्पादकता व किसानों की आय में वृद्धि तथा स्व-रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से योजना संचालित है। जिसमें महिला व अनुसूचित जाति/जनजाति को 60 प्रतिशत एवं अन्य वर्ग को 40 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है। सामूहिक दुर्घटना बीमा योजनान्तर्गत 18 से 70 वर्ष के महिला/पुरूष मत्स्य पालाकों को दुर्घटनाजति मृत्य अथवा पूर्ण स्थायी निःशक्ता की दशा में रू0 5 लाख, स्थायी आंशिक निःशक्ता की दशा में रू0 2.5 लाख का वार्षिक बीमा सुविधा उपलब्ध है, दुर्घटना की सूचना 90 दिनों के अन्दर देना अनिवार्य है एवं मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, कृषकों की आय में वृद्धि एवं स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्राम सभा एवं अन्य पट्टे के तालाबों में निवेश एवं मत्स्य बीज बैंक की स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा दो परियोजनाएं संचालित है। योजना में भी वर्ग को 40 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है। साथ ही मत्स्य गतिविधियों हेतु किसान क्रेडिट कार्ड बैंक के माध्यम से 4 प्रतिशत व्याज दर पर रू0 1.60 लाख तक जमानत रहित क्रेडिट ऋण सुविधा उपलब्ध है जिसमें अधिकतम रू0 3 लाख क्रेडिट ऋण अनुमन्य है। पशुपालन विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान समय में खुर-पका एवं मुहं पका रोग की रोक-थाम हेतु निःशुल्क टीकाकरण अभियान चल रहा है। राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत बकरी/भेड़ पालन हेतु एन0एल0एम0 योजना के तहत आवेदन लाभ प्राप्त कर सकता है। साथ ही बताया गया कि 100 बकरियों की यूनिट लगाने की लागत 20 लाख रूपये है जिस पर 50 फीसदी या अधिकतम 10 लाख रूपये की सब्सिडी देय है। उप कृषि निदेशक, वाराणसी द्वारा अवगत कराया गया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनार्न्तगत खरीफ में 31 जुलाई, 2024 तक फसल बीमा कराया जाना उसे बढ़ाकर 25 अगस्त, 2024 तक कर दिया गया है जिन कृषकों द्वारा अभी तक फसल बीमा नहीं कराया गया है वे करा सकते है। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक द्वारा उपस्थित कृषकों से अपेक्षा की गयी कि क्षेत्रीय कृषकों के मध्य फसल बीमा का प्रचार-प्रसार करें। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा बाबतपुर एवं केराकतपुर रजबाहों में पानी आने की अद्यतन स्थिति की जानकारी चाही गयी, जिसके क्रम में सिंचाई विभाग द्वारा बताया गया कि वर्ष कम होने के कारण 37 नहरों के सापेक्ष 14 नहरों में पानी टेल तक पानी पहुच गया है वर्तमान समय में बाबतपुर रजबाहें में पानी चल रहा है। इसी क्रम में राजकीय नलकूप के उपस्थित अधिकारी से पूछा गया कि वर्तमान में आपके कितने राजकीय नलकूप खराब है तथा कितने चालू अवस्था में है सम्बन्धित अधिकारी द्वारा यथास्थिति स्पष्ट न किए जाने के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सम्बन्धित को निर्देशित किया गया कि समस्त राजकीय नलकूपों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए तीन दिनों के अन्दर यथा स्थिति से अवगत कराए साथ ही समस्त विभागों को निर्देशित किया गया कि उपस्थित कृषकों द्वारा जो भी समस्याएं इस किसान दिवस के माध्यम से उठायी गयी है उसका समाधान तत्काल करें, अगले किसान दिवस में समीक्षा की जाएगी।