पत्रकारिता और जनसंचार में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं विद्यमान

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महादेव पीजी कॉलेज में हिंदी पत्रकारिता दिवस की पूर्व संध्या पर कई पत्रकारों को किया गया सम्मानित

वाराणसी। पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय में रोजगार की असीम संभावनाएं विद्यमान है। हिंदी सिर्फ भारत ही नहीं विश्व के कई देशों में बोली और लिखी जा रही है । इसके प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है, हिंदी पत्रकारिता का भविष्य उज्जवल है। हिंदी पत्रकारिता दिवस की पूर्व संध्या पर महादेव पीजी कॉलेज बरियासनपुर में ” हिंदी पत्रकारिता में रोजगार की संभावनाएं ” विषयक संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए उक्त उद्गार प्रोफेसर अनिल उपाध्याय ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मौलिक लेखन ही पत्रकारिता की थाती है, इसे संजो कर रखना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों को संपादकीय पृष्ठ पढ़ने की सलाह देते हुए कहा की संपादक के नाम पत्र लगातार लिखना चाहिए इससे आप अच्छे पत्रकार बन सकते है। उन्होंने बताया कि इस कोर्स को करने वाले कभी बेरोजगार नहीं होते। जनसंपर्क, फोटोग्राफी, रिपोर्टिंग, संपादन, विज्ञापन में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।

विशिष्ट अतिथि महामना मदनमोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र सिंह ने कहा की पत्रकारिता जनसंचार का क्षेत्र व्यापक हो गया है। इस प्रोफेशनल कोर्स को करने के बाद व्यक्ति अपने जीवन को संवार सकता है। हिंदी पत्रकारिता में रोजगार के लिए हिंदी भाषा की पूर्ण जानकारी भी जरूर होनी चाहिए। इस रोजगार में जाने के लिए क्रिएटिंग राइटिंग जरूरी है। टीवी चैनल अखबार पत्रिका के अलावा जनसंपर्क के क्षेत्र में भी छात्र कैरियर बना सकते है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्रबंधक अजय सिंह ने कहा की पत्रकारिता सिर्फ रोजगार देने के साथ नैतिक मूल्यों को बनाने का माध्यम भी है। समाज में कमजोर व्यक्ति की आवाज को देश के मुखिया तक पहुंचाने का कार्य पत्रकारिता ने किया है। पत्रकारिता में सत्य के मार्ग को जरूर अपनाए। महादेव पीजी कॉलेज में पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. लोकनाथ पांडेय ने कहा कि सन 1826 में शुक्ल जी ने कोलकाता से ” उदंत मार्तंड ” नामक हिंदी का पहला साप्ताहिक समाचार पत्र निकाल कर जो क्रांतिकारी कदम उठाया, उसे सदियों याद रखा जाएगा। ऐसे ही क्रांतिकारी प्रयासों व हिंदी अखबारों के सृजनशीलता के चलते आज हिंदी पत्रकारिता सिर्फ भारत ही नहीं सात समुंदर पार तक पहुंच चुकी है। डॉक्टर पांडेय ने कहा कि भारत में हिंदी का महत्व पहले से काफी बढ़ा है। अब आईएएस और एमबीबीएस की पढ़ाई और परीक्षा भी हिंदी में शुरू हो गई। पत्रकारिता एवं जनसंचार की पढ़ाई करने के बाद, रेलवे स्वास्थ्य विभाग विभिन्न मंत्रालय में सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी, राजभाषा अधिकारी के साथ टीवी चैनल अखबार एवं विज्ञापन तथा जनसंपर्क की दुनिया में रोजगार के असीम अवसर विद्यमान है। मीडिया कर्मी
देवमणि त्रिपाठी ने अपने अनुभव को बताते हुए कहा की पत्रकारिता जिम्मेदारी और सत्य के रूप में केंद्रित होनी चाहिए। पत्रकारिता में पैसे के साथ ग्लैमर भी है आज इस विधा में रोजगार बढ़ें हैं। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कर्मी देवेंद्र सिंह ने कहा की अगर अभिव्यक्ति की शक्ति बदल जाती है तो विकृति आ जाती है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए महादेव पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दयाशंकर सिंह ने कहा कि पत्रकारिता समाज का आईना है। हिंदी हमारी मातृभाषा है , दोनों का मूल्य अनमोल है। इस अवसर पर शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता हुई जिसमें तृतीय स्थान नीरज वर्मा, द्वितीय स्थान प्रज्ञा राय तथा प्रथम स्थान आकांक्षा गिरी ने प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० गौरव मिश्र ने किया। इस अवसर डॉ. मोहन सिंह, डॉक्टर मारुत नंदन मिश्रा, डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव, डॉ अवधेश सिंह, डॉ रत्ना सौरभ, डॉ. अजीत सिंह, डॉ.स्वतंत्र प्रकाश, डा.राजेश कुमार, डा. किरण सिंह, डॉ. शशि पाण्डेय, अवनीश सिंह, राकेश सिंह आदि मौजूद रहे।

हिंदी पत्रकारिता दिवस की पूर्व संध्या पर पर मीडिया कर्मी प्यारेलाल, अनिल सिंह, देवमणि त्रिपाठी, प्रेम सिंह समेत कई पत्रकारों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग, हिंदी विभाग, संस्कृत, बीसीए, समाज शास्त्र के विद्यार्थी मौजूद रहे।

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