चंदौली सहित समूचे पूर्वांचल में गर्मी का कहर, आसमान से बरस रही है आग और लू के थपेड़ो से हाल हुआ बेहाल
चंदौली। जनपद में गर्मी का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। अधिकतम के साथ न्यूनतम तापमान में भी वृद्धि हो रही है। बुधवार को दिन का उच्चतम तापमान 44 और न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे दिन के साथ रात में भी लोगों को चैन नहीं मिल रही है। दिन में आसमान से बरस रही आग से लोगों का हाल बेहाल है। गर्म हवाएं लोगों को झुलसा रही हैं। पंखे और कूलर बेअसर साबित हो रहे हैं। आलम यह है कि पसीना सूखने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दो दिन से जिले का तापमान 44 डिग्री पर रहा है। इससे सूरज की तपिश के कारण हवा भी गर्म होने से लोगों को लू का अहसास हो रहा है। इस स्थिति में लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल हो रहा है। इस वर्ष बदले मौसम के कारण गर्मी में काफी बढ़ोतरी हुई है। इससे इस माह में अधिक गर्मी का अहसास हो रहा है। गर्मी के कारण मंगलवार को बाजार में लोगों का आवागमन भी कम रहा। दिन भर चलने वाली लू के कारण गलियों व बाजारों में पूरा दिन कर्फ्यू जैसा माहौल बन जा रहा है। जीटी रोड सहित मुख्य सड़कों पर तो बहुत कम लोग दिख रहे हैं। गर्मी के कारण जिला अस्पताल में रोजाना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं निजी अस्पतालों में भी लू की चपेट में आने वालों की संख्या भी बढ़ गई है।
इनसेट….
दोपहर तक खुल रहे स्कूल
आसमान से आग बरसने के बावजूद जिला प्रशासन के निर्देश पर कक्षा आठ तक के स्कूल दोपहर के एक बजे तक खोले जा रहे हैं। सुबह साढ़े सात बजे ठंडे मौसम में स्कूल जाने वाले बच्चों को दोपहर के एक बजे चिलचिलाती धूप व लू के बीच घर लौटना पड़ रहा है। कई बार स्कूली बसों के जाम में फंस जाने के कारण बच्चे हलकान हो जा रहे हैं। उन्हें घर लौटने में काफी समय हो जा रहा है। बच्चों के अभिभावकों ने जिला प्रशासन से स्कूलों के समय में बदलाव की मांग की है।
जिला आपदा प्रबंधन ने आगामी दिनों में बढ़ते तापमान तेजी से वृद्वि (40डिग्री से अधिक) होने का पूर्वानुमान करते हुए चेतावनी जारी की है। अपर जिलाधिकारी अभय कुमार पांडेय ने बताया कि हीट-वेव (लू के प्रकोप) से बचाव के लिए इस वर्ष भी बचाव एवं राहत कार्य के लिए योजना बनाई गई है। इस मौसम में लोगों के बचाव के लिए क्या करे, क्या न करें का सुझाव दिया गया है।
हीट वेव ( लू ) के दौरान क्या करें
- हल्के रंग के पसीना सोखने वाले हल्के सूती कपडे पहनें।
- धूप के चश्में, छाता, टोपी, व चप्पल का प्रयोग करें ।
- खुले में कार्य करते है तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़ें से ढके रहे और छाते का प्रयोग करें।
- यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ ले जाएं व ओआरएस, घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नीबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे कि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके।
- हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैंम के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, मूर्छा आदि का अनुभव करते है तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लें।
- अपने घरों को ठंडा रखें, पर्दे दरवाजे आदि का उपयोग करें तथा शाम व रात के समय घर तथा कमरों को ठंडा करने लिए खोल दें।
- कार्य स्थल पर ठंडे पीने का पानी रखें।
- सूर्य की सीधी रोशनी से बचे।
हीट वेव (लू) के दौरान (क्या न करें)
- बच्चों को खड़ी गाड़ियों में न छोंड़े।
- दोपहर 12 से 3 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें व अधिक श्रम वाली गतिविधि न करें।
- गहरे रंग के भारी व कसे हुए कपड़ें न पहनें।
- जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रम कार्य न करें।
- आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें।
- बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन मे न छोंड़े।
7़ उच्च प्रोटिन व मिर्च, मसालों का सेवन न करें।
8, बासी भोजन का सेवन न करें।
9़ शराब, चाय व कॅाफी का सेवन न करें।