क्षत्रिय धर्म संसद द्वारा आयोजित शौर्य कथा का हुआ समापन
भारत माता के अमर बलिदानियों, सपूतों और वीरांगनाओं के त्याग, शौर्य, बलिदान की गौरव गाथा शौर्य कथा शिवपुर मिनी स्टेडियम वाराणसी में सम्पन्न हुई।
भगवान श्री राम, भारत माता, महाराणा प्रताप, राजर्षि उदय प्रताप जूदेव के पूजन और स्वर्गीय राजेंद्र सिंह जी, पूर्व अटॉर्नी जनरल गुजरात, स्वर्गीय गोरखनाथ सिंह जी एवं स्वर्गीय संदीप सिंह जी को विनम्र श्रद्धांजलि के साथ शौर्य कथा का शुभारंभ हुआ। आज विवेकानंद जी की जयंती पर युवा दिवस भी शांतनु जी द्वारा शौर्य कथा में मनाया गया। कथा के पूर्व ही पंडाल पूरी तरह से माताओं बहनों बंधुओं की गरिमामई उपस्थिति से आनंदित था। पूज्य आचार्य शांतनु जी महाराज ने शौर्य कथा में अपने भारत भूमि पर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों और वीरांगनाओं के शौर्य का प्रेरक वृतांत ऐसे प्रस्तुत किया कि श्रोतागण अपने स्थान से पूरे तीन घंटे तक हिले भी नहीं। शौर्य और मातृ भूमि की भक्ति के रस से ओत प्रोत शौर्य कथा में महाराणा प्रताप का स्मरण करते हुए शांतनु जी ने कहा कि महाराणा प्रताप न होते तो भारत का अस्तित्व ही समाप्तप्राय हो गया होता। महाराणा प्रताप केवल वीर योद्धा ही नहीं थे वो राष्ट्र हित में समग्र समाज को साथ ले चलने की सोच रखने वाले दूरदृष्टा , भविष्यदर्शी थे। महाराज जी ने गुरु गोविंद सिंह का स्मरण कराते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने अपने पूरे परिवार का बलिदान दे दिया लेकिन मुगलों के सामने झुके नहीं।
भगवान श्री राम से लेकर भारत माता के अमर सपूत बप्पा रावल, राणा कुम्भा, पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप , माता पन्ना धाय, शिवाजी महाराज , गुरु गोविंद सिंह, माता अहिल्या बाई होलकर, वीर कुंवर सिंह, रानी लक्ष्मीबाई , मंगल पाण्डे, चंद्रशेखर आजाद , भगत सिंह , ठाकुर रोशन सिंह, राम प्रसाद सिंह बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, महानायक बिरसा मुंडा , नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, महारानी पद्मावती, जौहर, साका इत्यादि की गौरव गाथा महाराज शांतनु जी ने कही और निवेदन किया कि भारत माता के प्रेरक अनुपम महानायकों, वीरांगनाओं से प्रेरणा लें, स्वयं एवं भावी पीढ़ियों को भारत माता की एकता अखंडता के प्रति संकल्पित करें। इस अवसर पर राहुल सिंह ने महाराणा प्रताप, मीरा सांगा और मेवाड़ तथा जब भी देश पुकारेगा नामक तीन पुस्तकें शांतनु जी महाराज को भेंट की।
इस अवसर पर आदरणीय रणविजय सिंह जी, अध्यक्ष क्षत्रिय धर्म संसद काशी, आदरणीय राहुल सिंह जी, सचिव स्वामी अतुलानंद रचना परिषद एवं अध्यक्ष सेवा भारती काशी प्रांत , प्रसिद्ध नारायण सिंह, आशुतोष श्रीवास्तव मोनू जी, अंकुर प्रताप सिंह जी, इंजीनियर राम विजय सिंह जी, दृगविंदु मणि सिंह, ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह डीडी, डॉ. संजय सिंह गौतम, भरत सिंह, डॉ रमेश प्रताप सिंह जी प्राचार्य उदय प्रताप इण्टर कालेज, डॉ अंबिका सिंह जी, प्राध्यापक उदय प्रताप इण्टर कालेज, डॉ संजीव सिंह जी , प्राध्यापक उदय प्रताप इण्टर कालेज, श्री आर पी सिंह जी, नीतेश कुमार सिंह जी, होटल धरोहर, अनिल सिंह जी, गौरव जी, पवन सिंह जी अध्यक्ष क्रीड़ा भारती वाराणसी, पवन सिंह जी डिप्टी चेयरमैन कोऑपरेटिव, विपिन सिंह जी, सी ए हरिनारायण बिसेन जी , स्वतंत्र बहादुर सिंह जी, श्री राजन सिंह जी, ठाकुर कुश प्रताप सिंह, श्री मनोज जायसवाल जी, श्री नितिन वर्मा जी , श्री अरुण सिंह जी, सिविल कॉन्ट्रैक्टर, श्री ईश्वर चंद्र सिंह जी, श्री अमित सिंह जी, श्री करुणाकर कौशिक जी , श्री राहुल सिंह जी, डॉ एस बी सिंह जी, श्री सत्येंद्र सिंह जी सिविल कॉन्ट्रैक्टर, श्री सौरभ जी, श्री विजय सिंह जी, दीपांशु सिंह जी, रमाकांत सिंह एडवोकेट, डॉ अशोक सिंह मामा जी, श्री आलोक सेठ जी, श्री रामपाल सिंह जी , श्री विभोर भृगुवंशी जी, राष्ट्रीय कोच बास्केटबॉल एवं शिवपुर क्षेत्र के अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे।