धार्मिक पर्यटन ने काशी के विकास को एक नई ऊंचाई दी
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में धार्मिक पर्यटन ने क्षेत्र के विकास को एक नई ऊंचाई दी है। यहां धार्मिक पर्यटन के जरिए उत्तर प्रदेश का विकास करने का केंद्र और यूपी सरकार का आईडिया कारगर होता दिखाई पड़ रहा है।धार्मिक पर्यटन से उत्तर प्रदेश में न केवल रोजगार की अवसरों में वृद्धि हुई है, बल्कि भक्तों की रिकार्ड संख्या आने के कारण धार्मिक केंद्रों की आय में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष की पहली छमाही में वाराणसी में काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए एक करोड़ से अधिक भक्त पहुंचे हैं। अभी सावन का महीना (22 जुलाई से 19 अगस्त) आने वाला है। इस दौरान भक्तों की रिकार्ड संख्या काशी विश्वनाथ में पहुंच सकती है।
यूपी सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस छमाही में काशी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में 45.76 फीसदी का इजाफा हुआ है। वर्ष 2023 की तुलना में 2024 के पहले छह माह में विश्वनाथ मंदिर में एक करोड़ से अधिक दर्शनार्थी आए। माना जा रहा है कि काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण, काशी के मजबूत हुए इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी ने यहां आने वाले धार्मिक पर्यटकों की राह आसान कर दी है। इसका लाभ पूरे क्षेत्र को मिल रहा है। 2023 के सापेक्ष 2024 में धाम की आमदनी में 24.66 फीसदी बढ़ी है, जबकि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष एक करोड़ पांच लाख से अधिक श्रद्धालु काशी में भगवान महादेव का दर्शन करने पहुंचे हैं।
वर्ष 2023 की पहली छमाही में जून तक 2 करोड़ 29 लाख 79 हजार 137 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किये थे, जबकि 2024 में इसी समयावधि में 3 करोड़ 34 लाख 94 हजार 933 श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार मे हाज़िरी लगाई है। यह पिछले वर्ष से 1 करोड़ 5 लाख 15 हज़ार 796 (1,05,15,796 ) अधिक है। वहीं धाम के पास 2023 के पहले छमाही में 38,29,77,214 था, जबकि 2024 की प्रथम छमाही में आमदनी 47,74,13890 हो गई है। यह 9 करोड़ 44 लाख 36 हज़ार ,676 (9,44,36,676 ) अधिक है।