बारिश ने नगर आयुक्त के दावों की पोल खोली

वाराणसी। नगर आयुक्त ने कुछ बीजेपी पार्षदों द्वारा बत्तमिजी से बात करने का आरोप लगाते हुए शहर में मानसून को लेकर तेजी से कार्य किए जाने का दावा किया है। वही बुधवार को हुए बारिश ने नगर आयुक्त के दावों की पोल खोलकर रख दी। शहर के तमाम क्षेत्रों में भारी जलजमाव देखने को मिला, तो बनारस के लोगो ने नगर निगम के खिलाफ़ बीजेपी पार्षदों के आक्रोश को सही बताया।
बीजेपी पार्षदों ने लगाया था नगर निगम के कार्यप्रणाली की वजह से वोट प्रतिशत कम होने का आरोप
विगत 1 जून को वाराणसी लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था और 4 जून को परिणाम आया।वाराणसी लोकसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी पीएम नरेंद्र मोदी तीसरी बार लगातार वाराणसी से निर्वाचित हुए, लेकिन पिछले दो बार की अपेक्षा इस बार परिणाम काफ़ी चौकाने वाला रहा। जहां विगत दो बार से पीएम मोदी और विपक्ष के बीच जीत का अंतर तीन लाख का होता वही इस बार वह जीत का अंतर डेढ़ लाख के करीब ही सिमट कर रह गया। सबसे कम बीजेपी को दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से मत मिलते।
ऐसे में दक्षिणी विधानसभा के बीजेपी पार्षदों ने कम वोट मिलने का ठीकरा वाराणसी नगर निगम पर फोड़ दिया। मंगलवार को नगर आयुक्त का घेराव करने वाले सबसे ज्यादा दक्षिणी विधानसभा के बीजेपी पार्षद रहे, जो लगातार नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा कार्यों में लापरवाही और अनदेखी करने का आरोप लगाते रहें। वही बुधवार को उनका यह आरोप बारिश के बाद कुछ हद तक सही साबित भी होता नजर आया। दक्षिणी विधानसभा के दालमंडी, कबीरचौरा, गिरजाघर सहित तमाम क्षेत्रों में बारिश की वजह से जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हुई।
नगर आयुक्त ने दी सफाई, बीजेपी पार्षदों पर लगाया बत्तमिजी से बात करने का आरोप
बीजेपी पार्षदों के द्वारा कार्य की अनदेखी और लापरवाही के आरोपों को लेकर वाराणसी नगर निगम के नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि वाराणसी नगर निगम में 100 पार्षद है, सभी से फोन पर बात करना संभव नहीं हो पता है, ऐसे में जो भी शिकायत आती है उसे संबंधित अधिकारियों को भेजा जाता है। वाराणसी नगर निगम लगातार मानसून से पहले सीवर की सफाई, जलजमाव से निपटने के अलावा पेयजल की आपूर्ति को लेकर कार्य किया जा रहा है। ऐसे में किसी का आरोप लगाना कि उनके क्षेत्र में कार्य नही हो रहा और उनकी बातों की अनदेखी हो रही है, तो यह गलत है।
क्योंकि जो कोई भी शिकायत लेकर आता है, उसकी शिकायत को सुना जाता है और उसे दूर करने की कोशिश की जाती है। वही पार्षदों के आक्रोश और उनसे हुई बहस को लेकर नगर आयुक्त ने बताया कि कुछ पार्षद उनके ऊपर कार्य को लेकर दबाव बना रहे थे, उनसे कहा गया कि कार्य हो जाएंगे, लेकिन वह बत्तमिजी से ऊंची आवाज में बात करने लगे जिन्हे उनके साथ आए पार्षदों ने शांत करवाया। हालाकि उन्होंने यह भी कहा कि लोगो को मेरी नही तो पद का सम्मान करना चाहिए, यदि कोई किसी पद का सम्मान नही करता तो उसकी छवि नही बचेगी। जिन्होंने बत्तमिजी और ऊंची आवाज में बात किया उनको जवाब देने में बहस जैसे स्थिति उत्पन्न हुई, ऐसे में किसी को अपमानित नही किया गया है।
