खिलाड़ियों के लिए पोषण युक्त डाइट भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
वाराणसी। खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए सिर्फ कड़ा अभ्यास ही नहीं बल्कि पोषण युक्त डाइट भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिक्षा संस्थानों के अलावा खेल विभाग का छात्रावास भी है।अलग-अलग खेलों के लिए अलग-अलग डाइट की जरूरत होती है, लेकिन सभी जगह खिलाड़ियों के लिए डाइट तय है। जहां बीएचयू का विश्वविद्यालय क्रीड़ा परिषद डाइट के लिए छह सौ रुपये देता है, वहीं काशी विद्यापीठ 500 और खेल विभाग महज 375 रुपये देता है।
विश्वविद्यालय क्रीड़ा परिषद के महासचिव प्रो. बीसी कापरी ने बताया कि खेलों में डाइट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। खिलाड़ियों की डाइट को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया गया है। डाइट खिलाड़ी के खेल को प्रभावित करता है। अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पोषण युक्त डाइट मिलनी चाहिए है।
अलग-अलग खेलों के खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग डाइट की जरूरत होती है, लेकिन खेल संस्थानों व खेल विभागों द्वारा अलग-अलग खेल के लिए एक ही तरह की डाइट दी जाती है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के खेल विभाग डॉ. राधेश्याम राय ने बताया कि यहां खिलाड़ियों पर पांच सौ रुपये प्रतिदिन के डाइट पर खर्च होता है। जबकि खेल विभाग सिर्फ 375 रुपये अपने खिलाड़ियों के डाइट पर खर्च करता है।
खेल प्रशिक्षक दिनेश सिंह ने बताया कि पावर गेम, टेनिस और निशानेबाजी के खिलाड़ियों का डाइट एक जैसा नहीं हो सकता। खिलाड़ी के आहार चार्ट में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और मिनरल्स की जरूरत होती है। कार्बोहाइड्रेट खिलाड़ियों को थकान से उबरने में मदद करता है। जबकि प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
खिलाड़ी को चाहिए 3000 किलो कैलोरी भोजन
डायटिशियन ज्योति सिंह ने बताया कि खिलाड़ियों को अधिक ऊर्जा, प्रोटीन, विटामिन, कैलोरी, खनिज, कार्बोहाइड्रेट और वसा की आवश्यकता होती है। औसतन, 30 वर्ष से कम उम्र के खिलाड़ी को 3000 किलो कैलोरी की आवश्यकता होती है। जबकि 30 साल से अधिक के लोगों को प्रतिदिन 2800-3000 किलो कैलोरी डाइट की आवश्यकता होती है।
संस्थान- डाइट पर खर्च रुपये में
काशी हिंदू विश्वविद्यालय- 600
महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ खिलाड़ियों पर पांच सौ रुपये प्रतिदिन के डाइट पर खर्च होता है। जबकि खेल विभाग सिर्फ 375 रुपये अपने खिलाड़ियों के डाइट पर खर्च करता है।