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विवादित स्थल पर हनुमान जी का मंदिर और गुरुद्वारा दोनों बनेगा

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जगतगंज धूपचंडी में पूजा स्थल पर 40 वर्षों का विवाद समाप्त, ताला खुला, उत्सव का माहौल

वाराणसी। जगतगंज धूपचंडी में पूजा स्थल पर 40 वर्षों से चला आ रहा विवाद आज समाप्त समाप्त हो गया। दोनों पक्षों के बीच हुए समझौता में विवादित स्थल का ताला खोल दिया गया। समझौते के तहत वहां हनुमान जी का मंदिर औरगुरुद्वारा दोनों बनेगा। यह जानकारी श्री बड़े हनुमान मंदिर प्रबंध समिति जगतगंज, वाराणसी के व्यवस्थापक व अधिकृत प्रतिनिधि, श्री श्याम नारायण पाण्डेय एवं गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी वाराणसी के अध्यक्ष सरदार करन सिंह सभरवाल व वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह अहलुवालिया ने पत्रकारों को दी । पदाधिकारी ने बताया कि जगतगंज के ख्यातिलब्ध प्रतिष्ठित नागरिक, स्वतंत्रता सेनानी शहीद बाबू जगत सिंह के वंशज प्रदीप नारायण सिंह की मध्यस्थता में उभय पक्ष के धार्मिक आस्था के समस्त बिन्दुओं का संज्ञान लिया गया। दोनो पक्षों के मध्य समझौता उ०प्र० के मुखिया आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी की वजह से संभव हो पाया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सदैव आपका ऋणी रहेगा। यह भी विदित है कि जनपद वाराणसी के प्रशासनिक विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों का भी भरपूर सहयोग मिला। अंततः दोनो पक्षों के मध्य आपसी सौहार्द कायम रखने हेतु कराये गये इस सन्धि-पत्र / सुलहनामा पर जगतगंज कोठी वाराणसी में विस्तार से चर्चा हुई। बताया गया कि आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है। प्रथम पक्ष श्री हनुमान मंदिर व द्वितीय पक्ष गुरुद्वारा के बीच स्वामित्व, कब्जे व अपने अधिकारों को लेकर 40 वर्षों से चला आ रहा विवाद खत्म हो गया है। सन्धि-पत्र / सुलहनामा पर हुये हस्ताक्षर उपरान्त समस्त विवाद समाप्त हो गया है। आपके द्वारा यह किया गया कार्य एक महान कार्य है। जिसको काशी की जनता हमेशा याद करेगी। पूर्व में स्व० अजीत सिंह सभरवाल जी का अथक प्रयास जो आज सफल हुआ। ये सारे कार्य उनके आर्शीवचन से संभव हो पाया। इस वर्ष संपूर्ण भारत वर्ष में साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज जी का 350वाँ शहीदी दिवस बडी श्रद्धा एवं भावना से मनाया जा रहा है। 350वें शहीदी पर्व पर बनारस के गुरू तेग बहादुर जी के गुरुद्वारे का विवाद खत्म होने से पूरे सिख परिवार में खुशी का माहौल है। इस समझौते से गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी में हर्ष एवं उल्लास का माहौल है। यह जगतगंज स्थित गुरुद्वारा, गुरु तेग बहादुर जी महाराज की चरण स्पर्श भूमि है और साथ ही श्री बड़े हनुमान मंदिर भी वहीं स्थित है। दोनों पक्षो के सुलहनामा को लोग युगो-युगो तक याद करते रहेंगे। गुरू साहब की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता। इनकी शहादत पूरे विश्व में एक मिसाल कायम करती है। यही पर श्री बड़े हनुमान जी का मंदिर भी स्थित है। ये भी अपने आप में एक मिसाल है कि दोनों पक्ष एक साथ भजन गायन करेंगे। गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी वाराणसी ने मंदिर समिति और श्री प्रदीप नारायण सिंह जी का धन्यवाद दिया और कहा कि ये ऐतिहासिक फैसला पूरे विश्व में एक मिसाल कायम करेगा व शांति और अमन के प्रतीक के रूप में देखा जायेगा। इस मौके पर दोनों प्रबंध समिति के अधिकारीगण, प्रतिनिधि, (सरदार करन सिंह सभरवाल, सरदार परमजीत सिंह अहलुवालिया, श्याम नारायण पाण्डेय), समाजिक कार्यकर्तागण व स्थानीय लोग व मान्य सभी सम्मानित व्यक्तियों का आभार प्रकट किया।

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