कष्ट में रहने वाले पर प्रभु की कृपा ज्यादा होती है:इंद्रेश जी महाराज
रामेश्वर धाम में श्री शिव राम मिलन महोत्सव में निरंतर बह रही है श्री राघव रसामृत की गंगा
रामेश्वरम, तमिलनाडु। जो जितना कष्ट में रहता है उसपर भगवत कृपा सबसे ज्यादा होती है। रामचरितमानस के रचयिता तुलसीदास जी जन्म से लेकर बड़े होने तक काफी कष्ट उठाए। इसी तरह प्रहलाद भी काफी कष्ट उठाएं फिर इन दोनों पर भगवत कृपा हुई।
तमिलनाडु के श्री रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग स्थित गोस्वामी मठ में शिव राम मिलन महोत्सव के तहत आयोजित राम कथा के तीसरे दिन उक्त बातें प्रसिद्ध कथा वाचक इंद्रेश जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी को जन्म कराने वाली महिलाएं उनको छोड़कर भाग गई क्योकि जन्म लेते ही 32 दांत जमे हुए थे। जन्म लेने के बाद तुरंत मां मर गई। पिता ने जिस दासी को पालन के लिए दिए थे वह भी थोड़े समय बाद मर गई।बालकांड के विभिन्न चौपाई की चर्चा करते हुए उन्होंने ने कहा कि गोस्वामी जी का प्रारंभिक नाम ही राम बोला था। गोस्वामी जी को जन्म से ही अनेक दुःख दर्द मिले। जिस काल में उन्हें बाल प्रेम चाहिए उस वक्त उन्हें अनेक तिरस्कार मिले। उस अबोध बालक को जब परिजनों समेत सबने त्याग दिया तो शिव जी की आज्ञा से माता पार्वती ने वृद्ध माता के रूप में आकर उनका लालन पालन किया। इसीलिए उन्होंने भगवान भोलेनाथ व पार्वती को ही अपना माता पिता मान उनका मानस में वंदन भी किया है। उन्होंने बालकांड में प्रभु श्री राम के जन्म से जुड़ी सुखद कथा सुनाकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। संगीतमय राम कथा के दौरान इंद्रेश जी महाराज के भजनों पर श्रोता झूमते नाचते रहे। लगभग साढ़े तीन घंटे तक चली कथा में मौजूद हजारों भक्त व श्रोता मंत्र मुग्ध नजर आए। व्यास पीठ की पूजा और आरती मुख्य यजमान काशी के प्रमुख समाजसेवी श्री अवधेश पाठक,रश्मि पाठक, सौरभ पाठक,सुरेश पाठक और उनके परिजनों ने किया। इस दौरान भक्तों के लिए निशुल्क प्रसाद और भोजन की व्यवस्था की गई थी। कथा के दौरान सर्वश्री अवधेश पाठक, रश्मि पाठक, सुरेश पाठक, पंडित वीरेंद्र नाथ मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार डॉ.लोकनाथ पांडेय, अनुराग, पूर्व प्रधान मनीष , टीपू प्रधान, डिंपल उपाध्याय, मनीष पांडेय , मनोज तिवारी, अनिल मिश्रा, विद्या शंकर त्रिपाठी , संजय सिंह, रिंकू पहलवान, संजय पहलवान, डंपी तिवारी (बाबा) समेत तमाम लोग मौजूद रहे।