जिले में 19 लाख बच्चों को खिलायी जायेगी एल्बेंडाजोल की दवा

वाराणसी। जनपद में 10 फ़रवरी को एक से 19 वर्ष के 19 लाख से अधिक बालक-बालिकाओं को पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी| इस कार्यक्रम में सभी सरकारी, मान्यता प्राप्त स्कूलों, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों के शिक्षकों से दवा खिलाने में सहयोग लिया जा रहा है| तथा इनके द्वारा बच्चों को दवा खिलाई जाएगी| इस दौरान उन बच्चों को भी दवा खिलायी जायेगी जो स्कूल नहीं जाते हैं| 19 लाख 1 हजार नौ सौ बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है| इसमें एक से पांच साल तक के सभी आंगनबाड़ी में पंजीकृत बच्चों के साथ ही 6 से 19 साल तक के स्कूल जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं को उनके विद्यालय में दवा खिलायी जाएगी| इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने दी|
सीएमओ ने बताया कि पेट में कीड़े होने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं| उनमें खून की कमी हो जाती है, जिसके कारण बच्चे कमजोर होने लगते हैं| दवा खिलाने से बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है| कृमि मुक्ति से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है| बच्चों में एनीमिया पर नियंत्रण रहता है| कृमि मुक्ति से बच्चों के सीखने की क्षमता में सुधार होता है| अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों को इस परेशानी से बचाने के लिए कीड़े निकालने की दवा उन्हें जरूर खिलाएं| अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ संजय राय ने बताया कि 10 फ़रवरी को लगभग 7 लाख 20 हजार बच्चे शहरी क्षेत्र के तथा लगभग 11 लाख 80 हजार बच्चे ग्रामीण क्षेत्र में हैं, जिन्हें एल्बेन्डाजोल की दवा खिलायी जायेगी| इस कार्य में कुल 3914 आंगनबाड़ी केंद्र तथा 2853 सरकारी मान्यता प्राप्त विद्यालय, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों से दवा खिलाने में सहयोग लिया जायेगा| इस कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्र में आरबीएसके टीम के चिकित्सक व शहरी क्षेत्र में समस्त अर्बन पीएचसी के चिकित्सक के साथ ही पूरे जिले की समस्त एएनएम तथा आशा कार्यकर्ती सहयोग करेंगी| अभियान में उन बच्चों को भी दवा खिलाई जाएगी जो स्कूल नहीं जाते हैं| इसके साथ ही ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिकों के बच्चों को भी आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाई जाएगी| एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली तथा दो वर्ष से ऊपर के बच्चों को एक गोली दवा खिलायी| इस दिवस पर छूट गये बच्चों के लिए 14 फ़रवरी को मॉप अप राउंड आयोजित किया गया है| जिसमें छूटे हुए बच्चों को भी दवा देने के लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने का प्रयास किया जाएगा|
