हाथरस हादसे के लिए संत समिति ने नारायण सरकार को ठहराया जिम्मेदार
सनातन का मखौल उड़ाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग
वाराणसी।हाथरस में नारायण सरकार नामक एक तथाकथित बाबा द्वारा आयोजित सत्संग में भगदड़ मचने से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस घटना पर अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने शोक व्यक्त करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने नारायण सरकार नामक तथाकथित बाबा द्वारा हाथरस के कृत्य को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने बताया कि इस अफरा-तफरी में बीस युवतियों के गायब होने का आरोप भी लगाया गया है और इसके साथ ही कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाए जा रहे हैं। ऐसे में इन सभी आरोपों की गहन जांच अति आवश्यक है।
स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, “सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि जो लोग अंधविश्वास, अंधश्रद्धा, भेदभाव और असमानता उन्मूलन जैसे प्रोजेक्ट चलाते हैं, वे आज कहाँ गायब हो गए हैं? महाराष्ट्र के तथाकथित दलितवादी नेता, अब चुप क्यों हैं?”
उन्होंने आरोप लगाया कि इस तथाकथित बाबा ने अपने अनुयायियों को अपना चरण रज देने के नाम पर रेत पर चलने के लिए मजबूर किया, जिससे भगदड़ मची और लोग घायल हो गए। स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने मांग की कि अगर यह घटना सच है, तो हत्या की साजिश रचने के मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि नारायण सरकार दूध से स्नान करता था और उस दूध से खीर बनाई जाती थी, जो अनुयायियों को वितरित की जाती थी। तथाकथित बुद्धिजीवी, जो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर हमला कर रहे थे, अब कहाँ छिपे हुए हैं?”
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि किसी भी प्रकार की अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली योजना को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भीड़ को नियंत्रित करने और किसी भी प्रकार की साजिश या अव्यवस्था से बचने के लिए सरकार को एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी।
उन्होंने कहा इसके लिए, सरकार को 15 दिन पहले से ही एहतियाती कदम उठाने चाहिए। अकेले वाराणसी जैसे शहर में, गढ़वाघाट में, 10 लाख से अधिक लोग आते हैं। इसी संख्या में त्रिकुंड और पड़ाव पीठ में भक्त उपस्थित रहते है। इसके अलावा शहर में ऐसे कई मठ और पीठ जहां 10 – 15 हजार शिष्य अपने गुरु से आशीर्वाद लेने जाते हैं। उत्तर प्रदेश में, 16 प्रमुख तीर्थ क्षेत्र हैं, जहाँ भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं। इस भीड़ में, कोई साजिश नहीं होनी चाहिए, कोई प्रकार की अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए।
स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, “सनातन हिंदू धर्म का अपमान नहीं होना चाहिए। जो व्यक्ति हैट कोट पैंट पहनकर रहता हो, ऐसे व्यक्ति को बाबा कहना धर्म का मखौल उड़ाता है, तत्काल इसे बाबा कहने पर रोक लगनी चाहिए। यह चर्च मिशनरियों की साजिश है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए।”