ओपी राजभर की मुश्किलें बढ़ी

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नई दिल्ली।गुरुवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बेदी राम को लेकर भाजपा को घेरा और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर दी तो सीएम योगी ने ओपी राजभर को तलब कर लिया। योगी के बाद शुक्रवार को गृहमंत्री अमित शाह ने राजभर को बुला लिया है। अमित शाह के बुलावे पर सुबह-सुबह ओपी राजभर लखनऊ से दिल्ली पहुंचे। संसद भवन में स्थित अमित शाह के दफ्तर में उनसे मुलाकात की। अभी तक बातचीत का ब्योरा तो नहीं मिला है लेकिन माना जा रहा है कि बेदी राम के कारण यूपी में बन रही परिस्थितियों पर ही बातचीत हुई है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ओपी राजभर के लिए बेदी राम का वीडियो गले की हड्डी बन गया है। इस वीडियो के साथ ही ओपी राजभर का भी एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में ओपी राजभर खुद बेदी राम को जुगाड़ से नौकरी दिलाने वाला बताते हुए कह रहे हैं कि अब तक लाखों चेलों को नौकरी दिला चुके हैं। इसी वीडियो में ओपी राजभर कहते हैं कि फार्म भरने के बाद कॉल लेटर आए तो बेदी राम को कॉल कर लेना नौकरी का जुगाड़ हो जाएगा। ऐसे में साफ है कि बेदी राम की सेटिंग के बारे में ओपी राजभर को भी पहले से सबकुछ पता था। बेदी राम पहले कई बार पेपर लीक में जेल भी जा चुके थे। ओपी राजभर को डर है कि बेदी राम पर कोई कार्रवाई हुई तो उन पर भी विपक्ष कार्रवाई के लिए दबाव बनाना शुरू कर देगा।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ओपी राजभर की अब दिक्कत यह है कि बेदी राम पर कार्रवाई होने के बाद उन पर भी विपक्ष इस्तीफा देने या सरकार से कार्रवाई के लिए दबाव बनाएगा तो उसका मुकाबला कैसे किया जाएगा। कहा जा रहा है कि गुरुवार को सीएम योगी से ओपी राजभर की मुलाकात और आज की अमित शाह से मिलना इसी मामले का हिस्सा है।
ओपी राजभर को लेकर यूपी की भाजपा में वैसे भी बहुत पहले से मतभेद रहे हैं। एनडीए में आने के बाद भी मंत्रिमंडल में शामिल होने में लगा समय इसी का परिणाम कहा जाता रहा है। राजभर गाहे बगाहे खुद भी कहते रहते हैं कि उनका संपर्क अब सीधे दिल्ली से है। उनका कोई काम यूपी में अब नहीं रुक सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि बेदी राम के बहाने यूपी भाजपा के नेताओं ने भी ओपी राजभर से पिछला हिसाब चुक्ता करने की तैयारी कर ली है।
कहा जा रहा है कि जहां विपक्ष खुलेआम बेदी राम के खिलाफ मोर्चा खोल चुका है वहीं यूपी भाजपा भी अंदर ही अंदर ओपी राजभर को सबक सिखाने के मूड में है। बेदी राम के वीडियो के बाद ओपी राजभर का वीडियो वायरल होना इसी की कड़ी बताया जा रहा है। पहले घोसी विधानसभा के उप चुनाव फिर लोकसभा चुनाव में बेटे अरविंद राजभर को मिली हार ने राजभर को बुरी तरह से हिला दिया है। जिस तरह के दावे राजभर करते रहे हैं, वैसा कुछ दोनों चुनावों में देखने को नहीं मिला है। राजभर बाहुल्य बलिया, सलेमपुर, आजमगढ़, लालगंज, गाजीपुर सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा को कोई फायदा नहीं हुआ है। जो सीटें भाजपा जीती भी है उन पर जीत का मार्जिन बेहद कम हो गया है। इसे लेकर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने भी ओपी राजभर पर निशाना साधा था। यहां तक कहा था कि ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर को घोसी में भाजपा का वोट ही मिला है। उन्हें सोचना चाहिए कि राजभर समाज उनसे दूर क्यों हो गया है।
लोकसभा चुनाव में मिली हार को तुक्का साबित करने के लिए भाजपा को विधानसभा की दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव में दमखम भी दिखाना है। उपचुनाव के दौरान पेपर लीक जैसे मामले पर भाजपा किसी भी तरह बैकफुट पर नहीं खेलना चाहेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिन ओपी राजभर के लिए बेहद मुश्किलों वाले हो सकते हैं।

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