नई दिल्ली. हरियाली के बीच रहने पर व्यक्ति को सुकून महसूस होता है, मानसिक शांति मिलती है और थकान दूर होती है। इसमें कोई शक नहीं कि हरी-भरी जगहों पर रहने के खूब फायदे हैं। पेड़-पौधों के बीच रहने वाली महिलाओं के लिए शोध में खुलासा हुआ है कि हरी-भरी वादियों के बीच रहने से मेनोपॉज की परेशानियां दूर होती है और अर्ली मेनोपॉज के जोखिम से बच सकती है।
डॉ. विशाल मकवाना का कहना है कि मेनोपॉज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण अंडाशय में और अंडे नहीं बनते। मेनोपॉज में उन्हें मासिक धर्म के चक्र से छुटकारा मिल जाता है। मेनोपॉज होने पर एक महिला के शरीर में शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के बदलाव होते हैं। हर महिला के लिए इन बदलावों का एक अलग अनुभव होता है।
एनवायरनमेंटल इंटरनेशनल नाम के जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में नौ देशों स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, यूनाइटेड किंगडम, स्वीडन, एस्टोनिया, आइसलैंड और नॉर्वे की 1,955 महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जिन्होंने यूरोपियन कम्यूनिटी रेस्पिरेटरी हेल्थ सर्वे में हिस्सा लिया। 20 साल की अवधि में, प्रतिभागियों ने अपने स्वास्थ्य और जीवन शैली के कारकों पर प्रश्नावली पूरी की और रक्त के नमूने लिए। उनके पास हरियाली की उपलब्धता और सीमा की भी गणना की गई।
स्पेन में बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ में हुए अध्ययन में लीड ऑथर काइ ट्राइबनेर ने कहा कि तनाव से रक्त में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ता है और जब हरियाली के बीच में रहते हैं, तो इसका खतरा कम हो जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि लो कॉर्टिसोल का स्तर एस्ट्रैडियोल के बढ़े हुए स्तर से जुड़ा हुआ है। एस्ट्रैडियोल एक महत्वपूर्ण फीमेल सेक्स हार्मोन होता है। हरी-भरी जगहों पर रहने वाली महिलाओं में कॉर्टिसोल का स्तर कम होता है, जो उन्हें एस्ट्रैडियोल के उच्च स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। इससे मेनोपॉज की शुरुआत होने में देरी हो सकती है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि कम हरियाली वाली जगहों में रहने वाली महिलाओं में अधिक हरियाली वाली जगहों में रहने वाली महिलाओं के मुकाबले 1.4 साल पहले ही मेनोपॉज की शुरुआत हो जाती है।
औसतन, मेनोपॉज की उम्र सबसे कम हरे-भरे क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए 51.7 वर्ष थी, जबकि थोड़ी हरी जगह वाले क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए यह 50.3 वर्ष थी।
शोधकर्ताओं के मुताबिक आनुवंशिक कारकों के अलावा, मेनोपॉज की उम्र धूम्रपान, मोटापा, शारीरिक गतिविधि और गर्भ निरोधकों के उपयोग जैसे जीवन शैली कारकों से प्रभावित होती है। अध्ययन के अनुसार, कई जैविक प्रक्रियाएं मेनोपॉज में हरे स्थान और वृद्धावस्था के बीच संबंध को बता सकती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, हरियाली में रहने से अवसाद जैसी मानसिक स्थितियों का जोखिम कम होता है जो मेनोपॉज की कम उम्र के साथ जुड़ा हुआ है।
हरियाली के बीच रहने वाली महिलाओं को अर्ली मेनोपॉज का खतरा कम, शोध में खुलासा
